Champions Trophy 2013 : चैंपियंस ट्रॉफी 2013 को शायद ही कोई क्रिकेट प्रेमी हो जो भूला होगा। क्रिकेट का फाइनल किस तरह से होता है उस मैच में पता चला था जब फाइनल में भारत के सामने मजबूत अंग्रेज खड़े थे। एक ऐसा मैच जिसको सदियों तक याद किया जाएगा। महेंद्र सिंह धोनी के अगुवाई में आज ही के दिन यानी 23 जून 2013 में भारत इंग्लैंड को हरा कर चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता बना था।
भारत को कप दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विश्व क्रिकेट के एक मात्र ऐसे कप्तान बने थे जिन्होंने आईसीसी के सभी ट्रॉफी अपने नाम कर रखा है। क्योकि उनके कप्तानी में भारतीय टीम पहले ही 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत चुकी थी। कैप्टन कूल के नाम से पूरे विश्व भर में लोकप्रिय महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी मिलते ही आईसीसी की टी20 ट्रॉफी 2007 में दिला कर इतिहास रच दिया था।
Champions Trophy 2013 : कप्तान धोनी ने सबको चौकाया
चैंपियंस ट्रॉफी 2013 एक ऐसा मुकाबला था जिसमे ये अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था की मैच किसके पलड़े में है। कभी मैच इंग्लैंड की ओर झुकता तो कभी भारत के तरफ। इंग्लैंड को जीत के लिए आखरी तीन ओवर्स में 28 रनो की जरूरत थी जिसे पार पाना अंग्रेजो के लिए काफी आसान था क्योकि क्रीज पर इयोन मोर्गन और रवि बोपारा थे जो पहले से ही खेल रहे थे। लेकिन इसके बाद भी करोड़ो भारतीयों की उम्मीद कैप्टेन कूल माही पे टिकी हुई थी क्योकि ऐसे समय से माही ने टीम इंडिया को कई बार निकाला था।
माही ने ठीक वैसा ही किया और सबको चौकाते हुए 18वे ओवर के लिए गेंद इशांत शर्मा को पकड़ा दिया। इशांत के हाथ में गेंद देखते ही लोगो को लगा की मैच भारत के हाथ से गया क्योकि उस मैच में सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए थे शर्मा। लेकिन धोनी के फैसले को कोई नहीं जानता की वो कब क्या कर दे। धोनी का खेला गया ये मास्टर स्ट्रोक तब गलत लगने लगा जब इशांत के ओवर के दूसरी ही गेंद पर मोर्गन ने शानदार छक्का लगा दिया।
अब ऐसा लग रहा था की धोनी ने डिसीजन गलत ले लिए है। इशांत शर्मा छक्का लगने के बाद पूरी तरह से प्रेशर में थे और अगली दो बॉल उन्होंने वाइड फ़ेंक दी जिसके बाद मैच भारत के हाथ से निकलता दिख रहा था। लेकिन उसके बाद विकेट के पीछे खड़े धोनी आकर इशांत से कुछ बोल गए जिसके बाद इशांत शर्मा ने दो गेंदों पर दो विकेट लिए। शर्मा ने मैच अंग्रेजो से छीन कर लगभग टीम इंडिया के झोली में डाल दिया था।
Champions Trophy 2013 : आखरी ओवर में भी धोनी ने चौकाया
एक तरफ भारतीयों की जान अटकी हुई थी तो दूसरी तरफ धोनी लगातार चौकाने वाला फैसला कर रहे थे। अब उन्होंने आखरी ओवर डालने के लिए आर.अश्विन को गेंद थमा दिया। अंग्रेजो को जीत के लिए मात्र 14 रन चाहिए थे आखरी ओवर में। भारत के पास भुनेश्वर कुमार और उमेश यादव जैसे गेंदबाजों का गेंदबाजी के ओवर बचे हुए थे लेकिन इसके बाद भी कैप्टेन कूल ने गेंद अश्विन को पकड़ा के सनसनी फैला दी।
पहली गेंद पे अश्विन ने कोई रन नहीं दिया लेकिन अगली ही गेंद पर ब्रॉड ने शानदार चौका लगा कर अंग्रेजो के उम्मीदों को जिन्दा कर दिया। तीसरी गेंद निर्णायक माना जा रहा था और अश्विन ने एकदम सटीक गेंद डाली जिसमे मात्र एक रन आए और इंडिया ने राहत की साँस ली। अब अश्विन के अगले दो गेंदों पर मात्र दो-दो रन आए। अब आखरी गेंद पर छह रनो की जरूरत थी जो असंभव सा दिख रहा था। अश्विन ने आखरी बाल इतनी शानदार डाली की ट्रेडवेल उसको छू भी नहीं सके और भारत ने चैंपियन ट्रॉफी अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी के फैसले की खूब सराहना हुई।
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